ग्राम कचहरी के अधिकार
किशनगंज। ग्राम कचहरी को बिहार सरकार ने भारतीय दंड संहिता के अन्तर्गत अपार शक्तियां प्रदान कर दिया। किसी महिला पर लांक्षन लगाने पर सात साल तक की कैद की सजा ग्राम कचहरी में सुना सकती है।
धारा 140 में आम आदमी/जनसाधारण यदि किसी भी सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली पोशाक पहनकर या टोकन धारित कर लोगों को ठगने का काम करे या धोखा दे तो उस आदमी को तीन महीने की जेल या 500 रुपये तक जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
धारा 142 में यह जानते हुए भी कि कोई जमघट गैर कानूनी है, अगर कोई व्यक्ति उसमें शामिल होता है तो वह गेर कानूनी जमघट का सदस्य माना जाएगा।
धारा 143 में गैर कानूनी जमघट में जाकर शामिल होने वाले व्यक्ति को छह महीने की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा 145 : गैर कानूनी जमघट जहां लगा रहता है और गैर कानूनी जमघट को हटाने का सरकारी आदेश दिया जा चुका है, फिर भी अगर कोई व्यक्ति गैर कानूनी जमघट में बना रहेगा तो उसे दो साल की कैद या जुर्माना दोनों से दंडित किया जा सकेगा।
धारा-147 : जो व्यक्ति दंगा/बल्वा करने का दोषी पाया जाता है उसे दो साल का जेल या जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है। पांच या उससे अधिक व्यक्ति के जमाव को बिखर जाने का समादेश जाने के पश्चात भी जो उसमें सम्मिलित होगा या बना रहेगा, उसे छह महीने तक जेल या जुर्माना दोनों सजा दी जा सकत है।
धारा-153 : कोई आदमी दंगा करने के लिए उकसाए या उत्तेजित करे और दंगा हो जाये तो उकसाने वाले व्यक्ति को एक साल तक कैद या फाइन या दोनों किया जा सकता है। और यदि दंगा नहीं हो, तो छह महीने की कैद या फाइन या दोनों प्रकार से दंडित किया जा सकता है।
धारा-160 : कोई व्यक्ति लोक स्थान में लड़कर लोकशांति में विधन् डाले और हंगामा खड़का करे तो उसे एक महीने की कैद या एक सौ रुपये जुर्माना या दोनों तरह की सजा हो सकती है।
धारा-172 : जो व्यक्ति किसी लोकसेवक द्वारा निकाले गये समन,सूचना या आदेश की तामिला से बचने के लिए फरार हो जाए,उस व्यक्ति को एक माह जेल या 500 रुपये जुर्मना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा-174 : लोक सेवक द्वारा निकाले गये नोटिस पर कोई आदमी जानबूझकर निश्चित स्थान और समय पर हाजिर नहीं होता है तो उस आदमी को एक महीने की कैद या 500 रुपये तक जुर्माना या दोनो की सजा हो सकती है।
धारा-178 : जब किसी आदमी को सत्य कथन के लिए लोक सेवक द्वारा शपथ लेने के लिए कहा जाए और वह आदमी शपथ नहीं ले, तो उसे छह माह की जेल या 1000 रुपये तक का जुर्माना या दोनो की सजा हो सकती है।
धारा-179 : कानूनी नियम के अनुसार लोक सेवक किसी आदमी से सवाल पूछे और वह उसका उत्तर नहीं दे या देने से इंकार करे, तो उसे छह माह की कैद या 1000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है।
धारा-269 : यदि कोई व्यक्ति असावधानी से ऐसा काम करे जिससे गांव घर में छुआ-छुत की बीमारी फैल जाए और आदमी का जीना मुश्किल हो जाए तो उस व्यक्ति को छह माह की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
धारा-277 : सार्वजनिक जल स्त्रोत या तालाब के पानी को कोई गंदा करे और वह पानी काम के लायक नहीं रहे तो उस आदमी को तीन महीने की जेल या 500 रुपये जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।
धारा-283 : कोई व्यक्ति अगर किसी लोक रास्ते पर आने जाने में बाधा उत्पन्न करे तो उसे दो सौ रुपये तक जुर्माना की सजा हो सकती है।
धारा-285 : अगर कोई व्यक्ति आग लेकर या आसानी से आग पकड़ने वाली कोई चीज लेकर मानव जीवन को खतरे में डालने का काम करे तो उसे छह महीने की जेल या एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों की सजा एक साथ हो सकती है।
धारा-286 : अगर कोई व्यक्ति बम या विस्फोटक ले जा रहा हो या जानबूझकर या असावधानी से ऐसा काम कर डाले जिसमें लोगों को खतरा और क्षति पहुंचे तो उस व्यक्ति को छह महीने तक जेल या एक हजार रुपये तक जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा-289 : जिनके पशु आदमी को घायल करे या लोगों में संकट पैदा करे और वे उन्हे संभाल कर रखने का कोई इंतजाम न करे तो उन्हे छह महीने जेल या एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा-290 : जो व्यक्ति किसी ऐसे मामले में लोक न्यूसेन्स करे अथवा ऐसा काम करे जिससे समाज को परेशानी हो और जो भारतीय दंड संहिता द्वारा अन्यथा दंडनीय नहीं है, उसे दो सौ रुपये तक के जुर्माना की सजा हो सकती है।
धारा-294: जो व्यक्ति किसी लोक स्थान में अश्लील कार्य करे अथवा गंदा गीत गाए तो उसे तीन महीने की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।
धारा-294 अ : अवैध लाटरी निकालने के प्रयोजन से लाटरी आफिस रखने पर उस व्यक्ति को छह महीने जेल की सजा या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है और वह लाटरी टिकट के जीतने वालों को रुपया या सामान देने की घोषणा करे तो उस पर एक हजार रुपये का जुर्माना किया जा सकता है।
धारा-323 : अगर कोई आदमी जान बुझकर किसी को चोट पहुंचाता है तो उसे एक साल की कैद या एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा-334 : अगर कोई व्यक्ति किसी के अचानक उकसाने अथवा भड़काने पर किसी के साथ मारपीट करे और उसे घायल कर दे तो उकसाने वाले व्यक्ति को एक महीने की जेल या पांच सौ रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा-336 : अगर कोई व्यक्ति इतना उतावला होकर काम करे जिससे किसी के जीवन अथवा कुशलता पर संकट उत्पन्न हो जाए तो उसे तीन महीने जेल या 250 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा-341 : अगर कोई व्यक्ति किसी को गलत ढंग से बाधा डाले तो उसे एक महीने का जेल या पांच सौ रुपये तक जुर्माना या दोनों सजा दी जा सकती है।
धारा-352 : बिना किसी गंभीर उसकावे के किसी व्यक्ति पर हमला करने पर उसे तीन महीने की जेल या पांच सौ रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।
धारा-356 : किसी की कोई सम्पत्ति चोरी करने की चेष्टा में अगर कोई व्यक्ति आपराधिक बल का प्रयोग करता है तो उसे दो साल की सजा या जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।
धारा-357 : किसी आदमी को बलपूर्वक रोकने की चेष्टा करने वाले व्यक्ति को एक साल जेल या एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।
धारा-358 : बहुत चिढ़ाने के बाद वह व्यक्ति गुस्से से हमला कर दे तो हमल करने वाले व्यक्ति को एक महीना जेल या दो सौ रुपये तक जुर्माना या दोनो की सजा हो सकती है।
धारा-374 : यदि कोई आदमी किसी को फंसाकर उसकी इच्छा के विरुद्ध काम करने को बाध्य करे तो उस आदमी को एक साल तक जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा-403 : कोई आदमी यदि बेईमानी कर किसी अन्य व्यक्ति की चल संपत्ति का अपने लिए उपयोग करने लगता है तो उसे दो साल की कैद या जुर्माना या दोनो की सजा हो सकती है।
धारा-426: कोई आदमी खराब नियत से लोक संपत्ति या किसी की निजी संपत्ति को बरबाद करता है तो उसे तीन माह जेल या जुर्माना या दोनो की सजा हो सकती है।
धारा-428 : अगर कोई आदमी खराब नीयत से 10 रुपये से अधिक कीमत के पशु को जान से मारता है, उसका अंग तोड़ता है या विष देता है तो उसे दो साल तक का जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा-430 : यदि कोई आदमी खराब नियत से कृषि कार्य के लिए पानी में कमी और भोजन तथा आदमी एवं पशु के लिए पीने के पानी में कमी उत्पन्न करे तो उसे दो साल तक जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा-447: जो कोई दूसरे की संपत्ति में बिना पूछे या जबर्दस्ती आपराधिक उद्देश्य से घुस जाये तो उस आदमी को तीन महीने की जेल या पांच सौ रुपये तक जुर्माना या दोनो की सजा हो सकती है।
धारा-448 : किसी के घर में बिना अधिकार के आपराधिक उद्देश्य से घुसने से उसे एक साल की जेल या एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा-502 : जो कोई व्यक्ति मुद्रित या उत्कीर्ण पदार्थ को जिसमें हानिहारक तत्व सम्मिलित है, बेचेगा या बेचने का आफर करेगा वह दो वर्ष के सादे कारावास या जुर्माना या दोनो से दंडित किया जा सकता है।
धारा-504 : जो व्यक्ति जानबूझकर किसी की इतनी बेइज्जाती करे कि वह आदमी उत्तेजित होकर लोक शांति भंग करे या कोई दूसरा अपराध करे तो उसे दो साल की सजा या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा-506 : किसी को जान से मारने या हाथ पांव तोड़ देने अथवा उसकी संपत्ति या सामान को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से धमकी देने वाले व्यक्ति को दो साल की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। यदि धमकी किसी महिला की पवित्रता पर लांछन लगाने से संबंधित हो तो साल साल कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
धारा-510 : अगर कोई व्यक्ति शराब पीकर नशे की हालत में किसी लोक स्थान में या वर्जित स्थान में घुस जाए और लोगों को परेशानी करे तो उसे चौबीस घंटे जेल या दस रुपये तक जुर्माना या दोनो सजा हो सकती है।
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