चेंगा नदी की नई धार से एक गांव का अस्तित्व खतरे में

Tuesday, August 25, 2009







किशनगंज। नव निर्मित चेगापुल के पूर्व एवं प्रधानमंत्री सड़क के बीच नदी के कटाव के कारण एक नई धार सात मीटर की बनने से यातायात बंद हो चुका है। ज्ञात हो कि ठाकुरगंज से एनएच 31 तक पश्चिम बंगाल की सीमा मुरारीगच्छ के बीच तीन करोड़ की लागत से प्रधानमंत्री सड़क एवं इस सड़क के बीच बहने वाली चेगा नदी पर एक करोड़ 60 लाख की लागत से स्क्रू पाइल पुल का निर्माण किया गया है। दोनों कार्यों का निष्पादन तो हो गया पर स्थानीय जनता के मांग के बावजूद चेगा नदी पर बांध का काम नहीं किया गया। नतीजा सबके सामने है। साढ़े चार करोड़ से पूरा हुआ कार्य औचित्य-विहीन बन चुका है। कटावरोधी कार्य नहीं होने के चलते किसानों की केला एवं चाय के बागान नदी में समा रहे है। ग्रामीण विश्वनाथ, शिवनाथ, विनोद, दिनेश, सुबोध यादव, राजेश्वर कार्तिक लाल, रामजी यादव, रामस्वरूप यादव, जर्नादन आदि के घर कटाव से प्रभावित हो रहे है। नदी के नई धार बनने से नदी के बीच आ चूका इस गांव का ही अस्तित्व कभी भी मिट सकता है। वहीं पंचायत के मुखिया मोहनसिंह एवं सरपंच भी चेगा नदी के कटाव से परेशान दिखे तथा कहा कि यदि नये कटाव स्थल को तुरंत भर दिया जाय तो करोड़ों की लागत से निमृत सड़क एवं पुल लोगों के काम आएंगे ही इस गांव को बचाया जा सकता है



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